The Basic Principles Of sidh kunjika



देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं

नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:

देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.



श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

मां दुर्गा की पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो website स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः ॥ ११ ॥

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